महाराष्ट्र में कोरोना वायरस से संबंधित दो अलग-अलग संकेत मिल रहे हैं. इसमें एक सकारात्मक है तो दूसरा नकारात्मक. सकारात्मक यह है कि डाक्टरों को 15 कोरोना पीड़ितों को स्वस्थ्य करके घर भेजने में सफलता मिली है तो पुणे के महापौर मुरलीधर मोहोल के मुताबिक बीते 48 घंटों में पुणे में एक भी कोरोना संक्रमित मामला सामने नहीं आया है.
पुणे में ही पहला मामला आया था और बुधवार को राज्य की पहली कोरोना संक्रमित दंपति को पुणे के नायडू अस्पताल में इलाज से स्वस्थ्य करके घर भेजा गया. बाकी जिन लोगों को स्वस्थ्य करके गुरुवार को घर भेजा गया, उनके बारे में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे का कहना है कि उनमें मुंबई और औरंगाबाद के लोग हैं.
इधर नकारात्मक यह है कि लॉकडाउन के दौरान कुछ लोग अमानवीय हो रहे हैं और सेवा में लगे डॉक्टरों एवं पुलिस पर हमले कर रहे हैं. इस घटना को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है.
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि लोग संयम से काम लें, ऐसा न हो कि लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सेना की मदद लेनी पड़े.
उधर, कोरोना पीड़ितों की संख्या में बढ़ोत्तरी से राज्य सरकार की चिंता अब भी बढ़ी हुई है.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक आज मुंबई, नागपुर और ठाणे में एक-एक यानी तीन कोरोना संक्रमित मिलने से राज्य में कोरोना संक्रमित रोगियों की संख्या अब 125 हो गई है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लिए लॉकडाउन की घोषणा करते ही बड़ी संख्या में लोगों ने रात में ही दो घंटों के दौरान किराना के सामान और सब्जियों की खरीदारी करके बाजार को सुनसान कर दिया. बाजार में लोगों के आने से भीड़ बढ़ गई और सोशल डिस्टेंसिंग मेंटेन नहीं होने से कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ गय़ा.
लोगों के सामान जमा करने की नीयत को देखते हुए कालाबाजारी भी सक्रिय हैं और अनाज-सब्जी के साथ दवाओं के दाम भी आसमान पर पहुंच गए हैं. इसे सरकार ने गंभीरता से लिया है और हालात को देखते हुए सेना की मदद लेने पर विचार कर रही है.
इस बीच राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य की परिस्थितियों का जायजा लेने के बाद सभी जीवनावश्यक वस्तुओँ, किराना और दवाओं की दूकानों को 24 घंटे खोलने की इजाजत दी है ताकि बाजार में भीड़ न हो. कोरोना का संक्रमण न फैले इसके लिए ग्राहक और दूकानदार के बीच उचित दूरी बनाए रखने को भी कहा गया है.
हालांकि, वाहनों की कमी की वजह से जीवनावश्यक वस्तुएं उचित मात्रा में बाजार में नहीं पहुंच रही हैं. इसके लिए आज वाहनों को पेट्रोल-डीजल भी मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है.
गरीबों और सड़कों पर बेघर रहने वालों के भोजन के लिए नागपुर के जिलाधिकारी ने निजी कंपनियों के सहयोग से कम्युनिटी लंगर की शुरुआत की है. कई और स्वयंसेवी संस्थाएं हैं जो मुफ्त में भोजन की भी व्यवस्था कर रही है. राज्य सरकार ने ऐसी और संस्थाओं को आगे आने का आह्वान किया है.
***